कानपुर में FOGSI NATIONAL PRESIDENTIAL CONFERENCE "Spiritual Obstetrics Reshaping Genration" के अन्तर्गत
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी की कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ शंखनाद गायत्री मंत्र एवं देवावाहन के साथ हुआ। महिला कल्याण एवं बाल पुष्टाहार राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला विशिष्ट अतिथि डॉ वंदना पाठक (आयुर्वेदाचार्य) एवं कांफ्रेंस की मुख्य आयोजिका डॉ मीरा अग्निहोत्री एवं वरिष्ठ चिकित्सकों ने दीप प्रज्वलित कर सत्र का उद्घाटन किया।
इस कार्यशाला की अगुआई कर रही, आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी उत्तरप्रदेश की प्रांतीय संयोजिका डॉ संगीता सारस्वत जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि कैसे गर्भवती माता अपने गर्भस्थ शिशु को संस्कारवान बना सकती है। गर्भोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत बताए गये महत्वपूर्ण नियमों का पालन करने वाली गर्भवती महिलाएं कैसे मनचाही श्रेष्ठ संतान को प्राप्त कर सकती हैं साथ ही प्रसव के समय होने वाली जटिलताओं, बीमारियों और प्रीमैच्योर डीलीवरी को समाप्त कर सकती हैं। जी एस वी एम मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि गर्भोत्सव कार्यक्रम में बताए जाने वाले अभ्यास क्रम, आदर्श दिनचर्या, संवाद आदि का पालन करने से गर्भवतियों में हार्मोनल संतुलन बना रहता है जो जच्चा बच्चा दोनों के लिए लाभदायक होता है। डॉ रशिम भूषण ने बताया कि मां अपनी जैविक घड़ी को संतुलित करके दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित कर गर्भस्थ शिशु में विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं का बीजारोपण कर सकती है।
डॉ नीतू मिश्रा ने स्वस्थ आहार की आवश्यकता की जानकारी देते हुए संतुलित, सात्विक एवं संस्कारित आहार के महत्व को विस्तृत रूप से समझाया। डॉ प्रतिमा वर्मा ने आज की ज्वलंत समस्या से मां कैसे सावधान रहे ताकि गर्भस्थ शिशु को रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके, इस विषय पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में विभिन्न चिकित्सकीय पद्धतियों द्वारा समग्र स्वास्थ्य संवर्धन पर भी उद्बोधन दिए गए-
डॉ अमरनाथ सारस्वत (यज्ञोपैथी)
डा वंदना पाठक (आयुर्वेद)
डा सुरेखा दुबे (होम्योपैथी)
अर्चना वर्मा (योग)
कार्यशाला में डॉ कल्पना दीक्षित, डॉ वी जे सोनी, डॉ मधु कुमार, डॉ रेशमा निगम, डॉ किरन पांडेय, डॉ रेनू गुप्ता, डॉ शैली अग्रवाल, डॉ कंचन आदि महिला चिकित्सकों की गरिमामयी उपस्थिति के साथ विभिन्न विद्यालयों से लगभग 200 छात्राएं, अध्यापिकाएं एवं विभिन्न संगठनों से प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला डॉ संगीता सारस्वत एवं डॉ सीमा द्विवेदी के नेतृत्व में व्यवस्थित एवं सुचारु रूप से संपन्न हुई।
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